अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर
अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर
- (apathit gadyansh aur gadyansh)
अपठित गद्यांश या पद्यांश पर आधारित प्रश्न और उत्तर, अपठित गद्यांश किसे कहते हैं? अपठित गद्यांश से पूछे जाने वाले सवाल और उनके उत्तर। इस पृष्ठ के छह अपठित अंश जो पहले परीक्षण प्रश्नों के रूप में उपयोग किए जा चुके हैं, आपको प्रदान किए जाएंगे। अपठित पैसेज हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसका परीक्षण स्कूल परीक्षाओं और कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 और छोटी प्रतियोगी परीक्षाओं दोनों में किया जाता है।
अपठित गद्यांश या पद्यांश हमारे पेपर का एक महत्वपूर्ण भाग है और इसका प्रयोग सीबीएसई बोर्ड, up बोर्ड और अन्य सभी बोर्ड में इसका प्रयोग पेपर में बच्चो के लिए किया जाता है आज हम इसका उल्लेख हमारे इस लेख में करेंगे
यहाँ अपठित गद्यांश दिए हैं और साथ में उससे जुड़े प्रश्न और उनके उत्तर भी दिए गए हैं।
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अपठित गद्यांश के प्रश्नों का सही उत्तर देना हम कुछ बिन्दुओ के माध्यम से बताना चाहेंगे
- प्रश्नो के पढ़ने से पहले गद्यांश या पद्यांश को दो – तीन बार अच्छी तरह पढ़कर मूल भाव को समझ लें |
- एक – एक प्रश्न की प्रकृति और उत्तर की अपेक्षा के अनुसार गद्यांश/पद्यांश से उत्तर लिखें |
- उत्तर आपकी अपनी भाषा में हो, अवतरण की भाषा में नहीं |
- अपने मन से अवतरण में कही गई मूल बातों को तोड़ – मरोड़ कर या विरोधपूर्ण न लिखें |
- आपका शीर्षक पूरे अवतरण को संकेत करने वाला और छोटा एवं सार्थक हो |
- अवतरण पर आधारित भाषा-संबंधी प्रश्नों उत्तर के अनुसार ही हो |
- अवतरण में लिखित परिभाषित या व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के रूप में परिवर्तित न करें |
अपठित गद्यांश या पद्यांश हमारे पेपर के पहले ही सेक्शन में आते है और इनके नंबर एक तरह से हमे फ्री ही दिए जाते है अगर हमको इन्हे करना अच्छे से आता हो तो क्योकि इनका उत्तर भी प्रशन पत्र में होता है
तो आओ जानते है अपठित गद्यांश या पद्यांश के बारे में(apathit gadyansh aur gadyansh)
1
एकता के महत्त्व से संबंधित अनेक लोकोक्तियाँ प्रचलित हैं यथा- दस की लाठी एक का बोझ, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता इत्यादि। एक तिनके की क्या हस्ती? लेकिन जब वही तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। एक ईंट की क्या बिसात? लेकिन, जब यही ईंटें मिलकर दीवार बनाती हैं, तब उसे तोड़ना मुश्किल हो जाता है। एक बूँद जल का क्या अस्तित्व? लेकिन जब इन्हीं बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है तो उसे लाँघना दुष्कर हो जाता है। एक चींटी की क्या औकात? लेकिन जब यही चींटी एक साथ हो जाती हैं, तब अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती हैं। एकता के महत्त्व से संबंधित एक किसान उसके बच्चे और लकड़ी के टुकड़ों की कथा प्रचलित है। लकड़ी के टुकड़े जत अलग-अलग रहते हैं, तब बच्चों द्वारा वे आसानी से तोड़ दिये जाते हैं; परंतु वे ही टुकड़े जब संगठित होकर गट्ठर बन जाते हैं, तब बच्चे तोड़ नहीं पाते हैं। इन दृष्टान्तों से स्पष्ट है कि ‘एकता में ही बल है।
- तिनके की क्या विशेषता है ?
ans. जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। - बूंदों के मेल का क्या महत्त्व है ? (सर्वथा उपयुक्त उत्तर छाँटकर लिखिए)
ans. बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है। - जब चींटियाँ एक साथ हो जाती हैं तो ………। (वाक्य पूरा कीजिए)
ans. अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती - ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’ लोकोक्ति का अर्थ है
ans. अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। - इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ans. एकता का महत्त्व
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2
बाँध नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनमें अत्यधिक कार्य, शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहारण हैं। एक बाँध की इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता अत्यावश्यक होती है। बाँध पर || धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाब कहते हैं। जल-दाब जल की गहराई के साथ बढ़ता है। इसके परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है जिससे यह सतह के काफी नीचे भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा जल संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके भूमि में संरक्षण करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए तथा समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में जल का संरक्षण किया जाए।
- बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल क्यों होता है ?
ans. अत्यधिक कार्य, शक्ति, समय तथा धन खर्च होने के कारण। - बाँध का निर्माण …………… से भी किया जा सकता है। (वाक्य पूरा कीजिए।)
ans. कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। - जल-दाब कहते हैं ?
ans. बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाव कहते हैं। - जल संरक्षण ……………. । (सही कथन से वाक्य पूरा करो।)
ans. वर्षा-जल को मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके, भूमि में संरक्षण करके, आगे काम में लेने की - ‘अत्यावश्यक’ का सन्धि-विच्छेद है
ans. अति + आवश्यक
3
अनुशासन का पालन करना शिष्टाचार का ही एक अंग है। यह अनुशासन सामाजिक भी हो सकता है और कानूनी भी। मन्दिर-मस्जिद और गुरुद्वारे में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल उतार देने चाहिए। किसी भी सभा में शोर नहीं करना चाहिए। सभा में कुर्सी या मेज पर पैर रखकर नहीं बैठना चाहिए। ये सारे गुण सामाजिक अनुशासन के उदाहरण हैं। सड़क पर हमेशा बायीं ओर चलना चाहिए। रेलगाड़ी या बस में धूम्रपान नहीं करना चाहिए। ये कानूनी अनुशासन के उदाहरण हैं। शिष्टाचार के इन नियमों का पालन नहीं करने से परिवार, समाज, कार्यालय, सर्वत्र कुव्यवस्था फैलने का भय बना रहता है। संक्षेप में, चाहे घर हो, दुकान हो या कार्यालय, सर्वत्र शिष्टाचार के सहारे हम प्रशंसा एवं सफलता के पात्र बन सकते हैं। इसके ठीक विपरीत अशिष्ट व्यवहार से दूसरों का दिल तो दुखता ही है, हमें भी बदले में दुःख और असफलता हाथ लगती है। शिष्टाचार से पग-पग पर मित्र उत्पन्न होते हैं और अशिष्ट व्यवहार से पग-पग पर दुश्मन।
- अनुशासन का पालन करना …………… का ही एक अंग है। (सही कथन से वाक्य पूरा कीजिए।)
ans. शिष्टाचार। - मन्दिर-मस्जिद और गुरुद्वारे में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल उतार देने चाहिए।
ans. सामाजिक अनुशासन - इनमें से कौन-सा कार्य कानूनी अनुशासन के दायरे में आता है।
ans. सड़क पर हमेशा बायीं ओर चलना। - शिष्टाचार के इन नियमों का पालन नहीं करने से क्या हानि है ?
ans. परिवार, समाज, कार्यालय, सर्वत्र कुव्यवस्था फैलने का भय बना रहता है - ‘अशिष्ट’ का विलोम शब्द लिखिए।
ans. शिष्ट