क्यों नहीं चलता फीमेल-ओरिएंटेड सिनेमा? साउथ के क्रेज की असली वजह?

विशाल कृष्णा रेड्डी. हिंदी में डब की गयीं दक्षिण भारतीय ऐक्शन फिल्में देखने वालों के लिये ये नाम कतई नया नहीं होगा 

फिलहाल, विशाल कृष्णा की नयी फिल्म आ रही है - लाठी. इसमें विशाल एक पुलिस कांस्टेबल की भूमिका में हैं

फिल्म हिंदी समेत 5 भाषाओं में 22 दिसंबर को रिलीज होगी. इस फिल्म के सिलसिले में हमने विशाल से बातचीत की 

सवाल: तो क्या ऐसी कहानियां ही नहीं बनायी जा रही हैं जिसमें कोई महिला उसकी हीरो हो? 

देखिये, ये सवाल हर जगह पूछा जा रहा है. पूछा जा रहा है कि क्यूं फीमेल ऐक्टर्स को बस मॉडल बनाकर रखा हुआ है 

नहीं. सिर्फ ग्लैमर डॉल की बात नहीं है. अगर आप कर्णन या असुरन जैसी फिल्में देखें, उसमें कोई भी ग्लैमर डॉल नहीं है 

मलयालम में जलीकट्टू या अजगजन्तरम जैसी फिल्में देखें, सब कुछ हीरो ही कर रहा होता है 

ये अच्छी फिल्में हैं, लेकिन ये हिंसा से भरी होती हैं और सबकुछ पुरुष किरदार कर रहे होते हैं. और ऐसे सिनेमा से भरा हुआ है साउथ का सिनेमा 

ये तो ऐसा है कि हम जो भी इस समाज में होता देख रहे हैं, वही सिनेमा में चल रहा है