क्रिया – परिभाषा, भेद, उदहारण तथा महत्वपूर्ण प्रशन
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क्रिया – परिभाषा, भेद, उदहारण तथा महत्वपूर्ण प्रशन
परिभाषा: वे शब्द जिनमे कार्य का होना या करना पाया जाता है उन्हें क्रिया पद कहा जाता है | इनके साथ “ना” लगता है |
क्रिया प्रकार
कर्म, प्रयोग तथा संरचना के आधार पे विभिन भेद है
कर्म के आधार पे किर्या के भेद
- अकर्मक क्रिया
- सकर्मक क्रिया
अकर्मक क्रिया
वे क्रिया जिसमे कर्म प्रयुक्त नहीं होता है वे क्रिया जिसमे कर्म प्रयुक्त नहीं होता है क्रिया का प्रभाव वाक्य में प्रयुक्त करता पे पड़ता हो
अकर्मक क्रिया के कुछ उदहारण
- कुत्ता भोंकता है
- कविता हंसती है
- टीना सोती है
- आदमी बैठा है
- मोहन पुस्तक पद रहा है
- मोहन तुम्हे रोज़ पड़ना चाहिए
- बच्चे हॉकी खेलते है
- मोहन पुस्तक पद रहा है
- राकेश रोता है
- बस चलती है
अनुप्रास अलंकार के 55 उदाहरण विवरण सहित हिंदी में
सकर्मक क्रिया
जिन क्रियाओ का असर कर्ता पे नही करम पे पड़ता है वे सकर्मक किर्या कहलाती है
सकर्मक क्रिया के कुछ उदहारण
- में लेख लिखता हु
- राम आम खाता है
- सुरेश मिठाई खता है
- मीरा फल लाती है
- भंवरा फूलो का रस पिता है
- भूपेंदर दूध पिता है
- राकेश खाना बना रही है
- गीता फूल तोड़ रही है
- राजू कपडे धो रही
- भूपेश कपडे धो रहा है
द्विकर्मक क्रिया
क्रिया जिसमे से कोई एक कर्मवाली और दो कर्मवाली होती है
कुछ उदहारण देखे
- राधा ने रोटी खायी
- मेने सुमन को पुस्तक दी
- अदीप ने कुलदीप को पैसे दिए
ऊपर के वाक्यों मे “देना” किर्या के दो कर्म है और देना द्विकर्मक क्रिया है
एक कर्मक क्रिया: जब वाक्य में किर्या के साथ कर्म भी प्रयुक्त हो तो उसे कर्मक क्रिया कहते है
द्विकर्मक क्रिया: जब वाक्य मे क्रिया के साथ दो कर्म हो तो उसे द्विकर्मक क्रिया कहते है
उदहारण: प्रधानाचार्य जी बच्चो को हिंदी की बुक रीड करा रहे है
प्रयोग तथा संरचना के आधार पे क्रिया के भेद
- सामान्य क्रिया: जब किसी वाक्य मे एक ही क्रिया का प्रयोग किया हो उसे सामान्य किर्या कहते है(उदहारण=मानशि जाती है)
- संयुक्त क्रिया: जो शब्द दो या दो से अधिक क्रियाओ से मिलकर बना हो उसे संयुक्त क्रिया कहते है(उदहारण=इशा ने खाना खा लिया)
- प्रेरणार्थक क्रिया: जहा खुद क्रिया न करके दूसरे से बोलते है क्रिया करने के लिए प्रेरणार्थक क्रिया कहते है(उदहारण=पारुल नंदनी से पत्र लिखवाती है)
- पूर्वकालिक क्रिया: जब किसी एक वाक्य मे दो क्रिया प्रयुक्त हो उनमे से एक क्रिया दूसरी से पहले सम्पन हुई हो तो पहले हुई सम्पन पूर्व कलिक क्रिया कहलायगी |(उदहारण=कुलदीप पीकर सो गया)
- नाम धातु क्रिया: वे क्रिया पद जो सर्वनाम, संज्ञा, विश्लेषण, आदि से बनते है उन्हें नाम धातु क्रिया कहते है(उदहारण=अपनाना)
- कृदंत क्रिया: जो शब्द प्रत्यय पर पूर्ण होते है उन्हे कृदंत क्रिया कहते है(उदहारण=चल से चलना)
- सजातीय क्रिया: जहा कर्म और क्रिया दोनो साथ में हो सजातीय क्रिया कहलाते है(उदहारण=इशा और नंदनी ने लड़ाई लड़ी)
- सहायक क्रिया: किसी भी वाक्य मे मूल क्रिया की सहायता करने वाले पद को सहायक क्रिया कहते है(उदहारण=अदीब ने अपनी बन्दूक टेबल पे रख दी)
काल के अनुसार क्रिया के भेद
जिस काल मे कोई क्रिया होती है उसके अनुसार उसका नाम रख दिया जाता है काल के अनुसार क्रिया 3 प्रकार की होती |
भूतकालिक क्रिया
क्रिया का वह रूप जिसके द्वारा बाईट समय मे कार्य के सम्पन होने का बोध होता है भूतकालिक क्रिया कहलाती है(उदहारण=अदीब पुस्तक पड़ रहा था)
वर्तमान कलिक क्रिया
क्रिया का वह रूप जिसके द्वारा वर्तमान समय मे कार्य सम्पन होने का बोध हो उसे वर्तमान कलिक क्रिया कहते है(उदहारण=इशा खाना बना रही थी)
भविष्यत कालिक क्रिया
कोई कार्य आने वाले समय मे होने की सम्भावना हो उसको भविष्यत कालिक क्रिया कहते है(उदहारण=दिव्या कल पागल खाने जायेगी)
क्रिया के महत्वपूर्ण प्रश्न
- अकर्मक किर्या कौन सी है
- एक क्रिया शब्द लिखे
- काम का नाम बताने वाले शब्द कोनसे होते है
- एक वाक्य जिसमे सामान्य भूतकाल हो वो लिखे