बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक सरकारी योजना है. जिस को बेटियों की निरंतर हो रही कमी को रोकने के लिए ये योजना प्रधान मंत्री जी के द्वारा चलाई गई थी|

हम इस लेख में आपको बेटी बच्चाओ बेटी पढ़ाओ जैसी पर प्रधानमंत्री की नयी आयी योजना के बारे में बताने जा रहे है|

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 600 शब्दों में(Beti Bachao Beti Padhao)

भारत में एक महिला को देवी के रूप में पूजा जाता है। लेकिन जैसे-जैसे तकनीक आगे बढ़ती है, महिलाओं को कम सम्मान दिया जाता है। पुरुष प्रधानता के कारण महिलाओं को भी कम आंका जाता है। इसलिए हमारे प्रधानमंत्री जी ने महिलाओ को बराबर का सम्मान देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नैरा बुलंद किया है|

कुछ आकड़ो के माध्यम से हम आपको ये बताना चाहेंगे की हमारे देश में पिछले कुछ वर्षो में महिलाओ की जनसँख्या किस प्रकार बड़ी और घडी है|

  1. 2001 में 927 लडकियाँ, 1000 लड़के
  2. 2011 में 919 लडकियाँ, 1000 लड़के 

इन आकड़ो के माध्यम से आपको ये जानने को मिलेगा की किस प्रकार से हमारे देश में महिलाओ की स्थिति बिकार होती जा रही है|

इसी को ध्यान में रखते हूँ. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की गई. जिस का मकसद लड़की शिशु को बचाना और लडकियो को पढाना है|

किसी भी देश की प्रगति में महिला और पुरुष दोनों की समान भागेदारी होती है. महिला के बिना मानव जीवन की कलपना भी नहीं की जा सकती है|

क्योकि वो महिला ही है जोकि एक माँ, एक बहन, एक पत्नी आदि होती है. महिला ही मानव को जन्म देती है. लगातार महिलाओ की कमी भारत को एक भयविनये स्थिति की और ले जा सकती है

बेटियों की कम जनसंख्या के कुछ मुख्य कारण(Beti Bachao Beti Padhao)

  1. भ्रूण हत्या– आज के मॉडल जमाने में बोहोत से डॉक्टर और बोहोत से लोग जो अपने होने वाले बच्चे को होने से पहले ही जानना कहते है की वो लड़का है या लड़की तो आज के इस मॉडल जमाने में ये सब जान सकते है वो भी थोड़े से पैसे को खर्च करके| और इसकी ही वजा से जो लोग लड़की नहीं चाहते है वो लोग लड़की को माँ के भूर्ण में ही मार देते है | किसी को भी ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए | इन सभी के लिए माँ जिम्म्मेदार नहीं होती है सिर्फ और सिर्फ हमारे देश के सभी वो लोग जो इनको रोकने के लिए रखे गए है और अपना काम ईमानदारी से नहीं करते है वही जिम्मेदार होते है|                                                                                                                                                                                                                                                  Read more about Beti Bachao Beti Padhao with other sources
  2. दहेज प्रथा– दहेज प्रथा हमारे देश में ये प्रथा बोहोत ही आम है और इसको सभी धर्म के लोग और सभी जाती के लोग द्वारा पालन किया जाता है| और ये सभी लोग इसका ख़ुशी से पालन करते है | लेकिन कुछ लोग जो इसका पालन नहीं करना चाहते है लेकिन मजबूरी में कर रहे है ना उनकी इतनी कमाई है और न ही उनकी इतनी हैशियत लेकिन वो फिर भी अमीरो के इस दहेज प्रथा को निभा रहे है
    क्योंकि अगर वो दहेज नहीं देंगे तो उनकी लड़की की शादी अच्छे से घर में नहीं हो पाएगी | क्योंकि सभी को लगता है की जो अमीर है वो अच्छा है लेकिन जो अमीर है वो अच्छा हो ऐसा कुछ लिखा नहीं है| तो दहेज़ देना बंद करो और लड़की को पड़ना सुरु करो | अच्छे लड़को से शादी हो ही जायेगी अपने आप बस अपनी लड़की को काबिल बनाओ |
    यही सबकी मजबूरी है लेकिन इसको हम लोग जितना जल्दी छोड़ दे तू हमारे लिए उतना ही अच्छा होगा | हमारी आने वाली पीडियो के लिए | हमारी लड़कियों के लिए ये सब चीज़े अच्छी नहीं है|                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                      
  3. लड़को को घर में ज्यादा महत्त्व देना-हमारे भारत देश में लड़को और लड़कियों को बराबर नहीं समझा जाता है क्योकि लड़के कमा के लाते है और घर को संभालते है तो उनको घर का प्रधान मन जाता है लेकिन जब लड़की कमाने के लिए घर से भर जाने की सोचती है तो उसको ये बोल कर रोक दिया जाता है की वह एक लड़की है और अगर लड़की काम पे जायेगी तो घर के रिस्तेदार और पडोसी क्या बोलेंगे और दुनिया को क्या मुँह दिखाएँगे | इसलिए देश की लड़की को आगे बढ़ने से रोका जाता है|

हमारे देश में लड़कियों की भारी कमी हो गयी है और लड़कियों का अनुपात लड़को के अनुपात से बहुत कम हो चूका है इसको देखते हुआ हमारे देश के प्रधानमंत्री द्वारा 22 जनवरी 2015 को हरयाणा के पानीपत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का शिलान्याश किया|

प्रधानमंत्री की इस योजना का सिर्फ और सिर्फ एक ही मतलब था की हमारे देश की बेटियों की जनसंख्या को बढ़ाना और लड़को के अनुपात से बराबर में लाना |

प्रधानमंत्री की इस योजना का सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद था की हमारे देश की सभी लड़कियों को बराबर सभी जगह पे पहुँचाया जाए | और दुनिया भर में हमारे देश की सभी लड़किया देश का नाम रोशन करे|

लड़कियों के उज्वल भविष्ये के लिए हम आपको एक कविता सुनाएंगे जिससे दुनिया में होने वाली सभी लड़कियों के साथ द्रस्टाचार काम हो|

चलो शुरू करते है

मत मारो तुम कोख में इसको
इसे सुंदर जग में आने दो,
छोड़ो तुम अपनी सोच पुरानी
इक माँ को ख़ुशी मनाने दो,
बेटी के आने पर अब तुम
घी के दिये जलाओ,
आज ये संदेशा पूरे जग में फैलाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

लक्ष्मी का कोई रूप कहे है
कोई कहता दुर्गा काली,
फिर क्यों न कोई चाहे घर में
इक बिटिया प्यारी-प्यारी,
धन्य ये कर दे जीवन सबका
जो तुम इस पर प्यार लुटाओ
आज ये संदेशा पूरे जग में फैलाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

ये आकाश में गोते लगाती
यही तो कहलाती मर्दानी,
यही  है कल्पना चावला
यही तो है झाँसी की रानी,
इनको देकर के पूरी शिक्षा
अपना कर्तव्य निभाओ,
आज ये संदेशा पूरे जग में फैलाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

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हाथों में राखी ये बांधें
घर में बहु बन आयें,
बन कर बेटी शैतानी करे
माँ बन कर ये समझायें,
इसका तुम सम्मान करो
और सबको यही सिखाओ,
आज ये संदेशा पूरे जग में फैलाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

बिन बेटी के सोचो कि
ये दुनिया कैसी होगी,
न प्यार ही होगा माँ का
न बहनों की राखी होगी,
जिस कदम से रुक जाये दुनिया
वो कभी भी न उठाओ,
आज ये संदेशा पूरे जग में फैलाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

बदलो ये आदत है जो
अब भी बदली जाती,
बेटे तो बाँटें दौलत सारी
बेटी है दर्द बटांती,
मत फ़र्ज़ से पीछे भागो
अपनी आवाज उठाओ,
आज ये संदेशा पूरे जग में फैलाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।

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