Bihar Kee Sanskriti | बिहार की संस्कृति
बिहार की संस्कृति:
बिहार एक समृद्ध संस्कृति और विरासत का प्रदेश है। यहां की संस्कृति कई प्राचीन सभ्यताओं और धर्मों के समन्वय से बनी है। बिहार की लोक कला में मधुबनी पेंटिंग, सिककी कढ़ाई, भादोही बुनाई और मिथिला पेंटिंग शामिल हैं। ये कलाएं पीढ़ियों से बिहार की विरासत का हिस्सा रही हैं।
छठ पूजा, छठ पर्व, विवाह पक्षा, दुर्गा पूजा, होली, दिवाली आदि त्योहार बिहार की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। बिहार भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की गहरी परंपरा रखता है। बिहार में कई शास्त्रीय गायकों और नर्तकियों का जन्म हुआ है।
बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय, महावीर मंदिर, चुनार रॉक शेल्टर और बौद्ध स्तूप जैसे प्राचीन वास्तुकला के बेहतरीन नमूने मिलते हैं। मैथिली, भोजपुरी, मगही और अंगिका बिहार की प्रमुख भाषाएं हैं। बिहार की समृद्ध साहित्यिक परंपरा में विद्यापति, कबीर और गोरखनाथ जैसे महान कवि और संत शामिल हैं।
बिहार की संस्कृति के विभिन्न पहलुओं के संदर्भ को प्रस्तुत किया गया है:
पहलू | संदर्भ |
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भाषा | मैथिली, भोजपुरी, मगही, अंगिका |
साहित्य | विद्यापति, कबीर, गोरखनाथ, लोरिक साहित्य |
कला | मधुबनी पेंटिंग, मिथिला पेंटिंग, सिककी कढ़ाई, भादोही बुनाई |
वास्तुकला | नालंदा विश्वविद्यालय, महावीर मंदिर, चुनार रॉक शेल्टर, बौद्ध स्तूप |
संगीत और नृत्य | भरतनाट्यम, छउ नृत्य, बिहार की लोक संगीत परंपरा |
खेलकूद | क्रिकेट, कबड्डी, बिहार का राज्य खेल |
त्योहार और पर्व | छठ पर्व, छठ पूजा, दुर्गा पूजा, होली, विवाह पक्ष |
खानपान | लिट्टी-चोखा, दही-चुरा, खजूर घर, मुरगी कुरमा, तिलकुट |
सामाजिक मुद्दे | जातिवाद, दहेज प्रथा |
लोक संस्कृति | लोक नृत्य जैसे धोबिया नाच, नौटंकी |
यह टेबल बिहार की विविध संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं और उनके संदर्भ को सारगर्भित रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें बिहार की भाषाई, साहित्यिक, कलात्मक, वास्तुकलात्मक, संगीत और नृत्य संबंधी विरासत को शामिल किया गया है, साथ ही खेल, त्योहार, खानपान, सामाजिक मुद्दे और लोक संस्कृति भी समाविष्ट हैं।
बिहार की संस्कृति भारत की समृद्ध विविधता को दर्शाती है और इसकी विरासत कई सदियों पुरानी है।
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