समास किसे कहते हैं और समास के कितने भेद होते हैं
Samas Kise Kahate Hain
Samas Kise Kahate Hain : हिंदी बाराखड़ी डॉट कॉम पे आपका स्वागत हैं। हिंदी भाषा के व्याकरण में समास को बहुत अच्छा स्थान दिया गया है। लेख, कविता लेखन में बहुत ज्यादा समास का प्रयोग किया जाता है। इसलिए आज आप समास किसे कहते हैं और समास के कितने भेद होते हैं वह विस्तार से जानने वाले है।
समास की परिभाषा
दो या दो से ज्यादा शब्द मिलकर एक नए शब्द की रचना करते है तो ऐसे नए शब्द को समास कहा जाता है। दो शब्दों का संक्षिप्तीकरण ही समास है।
समास को उदाहरण के माध्यम से समझते हैं
- कुंभ बनाने वाला – कुम्हार
- देश का भक्त – देशभक्त
- राजा की पुत्री – राजपुत्री
- मूर्ति को बनाने वाला – मूर्तिकार
- प्रवास करने वाला – प्रवासी
- वाहन चलाने वाला – वाहनचालक
- घोड़े पर सवार होने वाला- घोड़ेसवार
ऊपर दिए गए उदाहरणों के माध्यम से आप बड़ी आसानी से समास के बारेमे समज सकते है। अब समास के कितने भेद हैं Samas ke kitne bhed hote hain वह जानते हैं।
Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain
समास को अच्छी तरह समझने के लिए, एग्जाम में ज्यादा से ज्यादा मार्क्स लाने के लिए समास के भेद कितने होते हैं यह भी समज ले।
समास के कुल 6 भेद होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- द्वंद समास
- द्विगु समास
- बहुव्रीहि समास
- कर्मधारय समास
समास के सभी भेदो के बारेमे जानकारी निचे मुजब हैं. लेकिन इन सभी भेद के बारेमे समझने से पहले आपको समास के कुछ जरुरी शब्दों को समझना होगा जैसे की सामासिक शब्द, समास विग्रह, पूर्वपद और उत्तरपद। इन शब्दों के अर्थ समझने के बाद आप समास के भेद को बड़ी आसानी से समज सकेंगे
सामासिक शब्द: सामासिक शब्द को समस्तपद भी कहते हैं, समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। जैसे की– राजपुत्री (इसमें की लुप्त है राजा की पुत्री)
समास विग्रह: सामासिक शब्द उसके बिच के सबंध को स्पष्ट करना उसे समास विग्रह कहते हैं। विग्रह के बाद सामासिक शब्द का लोप हो जाता है।
पूर्वपद और उत्तरपद: समास के पहले शब्द(पद) को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं जैसे की- मूर्तिकार इसमें मूर्ति पूर्वपद और कार उत्तरपद है।
अव्ययीभाव समास
ऐसा समास जिसका प्रथम पद यानी पूर्वपद अव्यय (जैसे की यहाँ, वहा, इधर, उधर, प्रत्येक, अनुसार, हर वगेरा) होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसमें अव्यय पद का रूप लिंग, वचन और करक में बदलता नहीं है लेकिन हमेशा एक जैसा रहता है। इसमें समस्त पद ही अव्यय बन जाता है।
जैसे की
तत्पुरुष समास
ऐसा समास जिसका उत्तर पद (दूसरा पद) प्रधान होता और पहला पद यानि पूर्व पद गौण होता है तो ऐसे समास को तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे की
तत्पुरुष समास के भेद
- कर्म तत्पुरुष – ‘को’ के लूप (गायब) से बनने वाला समास जैसे की मूर्तिकार (मूर्ति को बनाने वाला)
- करण तत्पुरुष – ‘से’ और ‘के द्वारा’ के लोप से बनने वाले ,समास को करण तत्पुरुष कहते हैं। जैसे की तुलसिरचित – तुलसी के द्वारा रचित।
- संप्रदान तत्पुरुष -‘के लिए’ का लोप होने से बनने वाले समास को संप्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
- अपादान तत्पुरुष – ‘से’ के लोप से बनने वाले समास को अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं ,
- संबंध तत्पुरुष – ‘का’, ‘की’, ‘के’ वगेरा के लोप से बनने ,वाले समास को सबंध तत्पुरुष समास कहते हैं।
- अधिकरण तत्पुरुष -‘में’ और ‘पर’ के लोप से बनने वाले समास को अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
द्वंद समास
ऐसा समास जिसके उत्तर और पूर्व दोनों पद मुख्य होते हैं ऐसे पद को द्वंद समास कहते है। इस समास के दोनों पदों को अलग किये जाए तो उनके बिच में और,अथवा, एवं जैसे शब्द आते है।
जैसे की
द्वंद समास के भेद
- इतरेतरद्वंद्व समास
- समाहारद्वंद्व समास
- वैकल्पिकद्वंद्व समास
द्विगु समास
ऐसा समास जिसमे संख्यावाचक पद होता है ऐसे समास को द्विगु समास कहते हैं। बाकि सब समास से यह समास समझने में बहुत आसान है।
जैसे की
द्विगु समास के भेद
- समाहारद्विगु समास
- उत्तरपदप्रधानद्विगु समास
- समाहारद्विगु समास
बहुव्रीहि समास
ऐसे समास जिसके दोनों पद यानि पूर्व और उत्तर दोनों पद मुख्य नहीं होते है और वह समास उसके अर्थ के आलावा संकेत कुछ दूसरा हो और संकेत देने वाले अर्थ मुख्य हो ऐसे समास को बहुव्रीहि समास कहते हैं।
जैसे की
बहुव्रीहि समास के भेद
- समानाधिकरण बहुब्रीहि समास
- व्यधिकरण बहुब्रीहि समास
- तुल्ययोग बहुब्रीहि समास
- व्यतिहार बहुब्रीहि समास
- प्रादी बहुब्रीहि समास
कर्मधारय समास
ऐसा समास जिसका पहला पद विशेषण हो और दूसरा पद विशेष्य हो या एक पद उपमान और दूसरा पद उपमेय हो ऐसे समास को कर्मधारय समास कहा जाता हैं कर्मधारय समास के पदों को अलग करने पर उनके बिच में ‘है जो‘ या ‘के सामान‘ आता हैं
जैसे की
कर्मधारय समास के भेद
- विशेषणपूर्वपद कर्मधारय समास
- विशेष्यपूर्वपद कर्मधारय समास
- विशेषणोंभयपद कर्मधारय समास
- विशेष्योभयपद कर्मधारय समास
- विशेषण पूर्वपद कर्मधारय समास
सारांश
Samas Kya Hota Hain Aur Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain यह आप अच्छे से इस आर्टिकल के माध्यम से समज गए होंगे। हिंदी व्याकरण को समझने के लिए उदाहरणों की आवश्यकता होती है। इसलिए समास को समझने के लिए ज्यादा से ज्यादा उदाहरण बनाये और समजे।
धनयवाद
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