शब्द किसे कहते हैं और शब्द के भेद (प्रकार)
Shabd Kise Kahate Hain
Shabd Kise Kahate Hain : बच्चों के प्राथमिक शिक्षण में शब्द किसे कहते है यह समझना जरुरी है। आज में इस आर्टिकल के माध्यम से शब्द किसे कहते है और शब्दों के उदाहरण बताने जा रहा हु।
शब्द की रचना करने के लिए बाराखड़ी को सीखना बहुत जरुरी है। जो आप इस वेबसाइट के माध्यम से सिख सकते है।
शब्द की परिभाषा : एक या उससे अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहा जाता है।
शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है, जो एक से अधिक वर्णो की मिलावट से रचना होती है। जैसे की द वर्ण र वर्ण के मिलन से दर शब्द की रचना होती है। शब्द की रचना के 1 से अधिक वर्ण की आवश्यकता होती है।
शब्द के प्रकार
शब्द के प्रकार जानने के बाद शब्द को समझने में बड़ी आसानी रहेगी
शब्द के मुख्य 5 प्रकार कुछ इस तरह है।
- अर्थ की आधार पर शब्द का प्रकार
- प्रयोग के आधार पर शब्द का प्रकार
- इतिहास के आधार पर शब्द का प्रकार
- रचना के आधार पर शब्द का प्रकार
- व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर शब्द का प्रकार
अर्थ के आधार पर शब्द का प्रकार
अर्थ की दृष्टि से शब्द के 4 प्रकार है।
- एकार्थी शब्द
- अनेकार्थी शब्द
- विलोम शब्द
- समानार्थी शब्द
एकार्थी शब्द : ऐसे शब्द जिस शब्द के ज्यादा अर्थ ना होकर सिर्फ एक ही अर्थ निकलता हो ऐसे शब्द को एकार्थी शब्द कहते हैं। ज्यादातर व्यक्तिवाचक संज्ञा में एकार्थी शब्द होते है। जैसे की हरेस। हरेस किसी का नाम है इसका कोई ज्यादा अर्थ नहीं है बस किसी व्यक्ति का नाम है। इस तरह यह शब्द एकार्थी शब्द है।
उदाहरण : नरेश, मनीष, हितेश, मुकेश, मनिका, मित्तल वगेरा
अनेकार्थी शब्द: ऐसे शब्द जिस शब्द के एक अर्थ ना होकर ज्यादा अर्थ निकलते हो ऐसे शब्द को अनेकार्थी शब्द कहते है। जैसे की काम, वर्ण, जीवन वगेरा
उदाहरण : लायक, पीड़ा, शरीर, माया, मोक्ष वगेरा
विलोम शब्द : किसी शब्द के उलटे यानि विपरीत शब्द को विलोम शब्द कहते है। जैसे की सुख का विलोम शब्द दुःख होता है। तो इस तरह के शब्द विलोम शब्द होते है।
उदाहरण : जीवन -मरण, खाना -पीना, अमृत-जहर, लेना-देना
समानार्थी शब्द : ऐसे शब्द जिनके अर्थ सामान हो ऐसे शब्द को समानार्थी शब्द कहा जाता है। जैसे की पानी -जल यहां पे पानी और जल एक ही है। तो इस तरह के शब्दों को समानार्थी शब्द कहते है।
उदाहरण : मगरमच्छ- घड़ियाल, त्वचा-खाल
प्रयोग के आधार पर शब्द के प्रकार
- सामान्य शब्दावली के शब्द
- तकनीकी शब्दावली के शब्द
- अर्ध तकनीकी शब्दावली के शब्द
सामान्य शब्दावली के शब्द : अपने दैनिक जीवन में बोले जाने वाले शब्दों को सामान्य शब्दावली के शब्द कहते है। अपने जीवन में अपने ही समुदाय के लोगो से हम रोजिंदा जीवन में सामन्य शब्दों के उपयोग कर ते है तो यह सब सामान्य शब्दावली के शब्द है। जैसे की खाना, पीना, जाना, आना वगेरा
तकनिकी शब्दावली के शब्द : तकनिकी मतलब की वैज्ञानिक भाषा के शब्द। किसी चीज वस्तु के विज्ञानं में अपने सामान्य जीवन का नाम न देकर वैज्ञानिक नाम होता है। वैज्ञानिक शब्द समझने में और याद रखने में कठिन होते है। जैसे की मिर्च को कैप्सिकम एनम कहते है। यह उसका तकनिकी नाम है।
अर्ध तकनिकी शब्दावली के शब्द : दैनिक जीवन में और तकनिकी दोनों भाषा में बोले जाने वाले शब्द अर्ध तकनिकी के शब्द होते है।
इतिहास के आधार पर शब्द के प्रकार
शब्द की रचना कब हुई थी, कोई भी शब्द हो वह शब्द कैसे बना यह सब इतिहास में कभी न कभी हुआ होगा। जैसे की एक शब्द है महाभारत। अब महाभारत एक इतिहास है। इस तरह किसी भी शब्द का इतिहास होता है। अलग अलग समुदाय में अलग अलग भाषाएँ होती है।
किसी समुदाय का शब्द दूसरे समुदाय में जाता है और धीमे धीमे दूसरे समुदाय में भी वह शब्द प्रचलित होने लगता है। जैसे की घी। घी भारत का शब्द है तो अंग्रेजी में भी उसे घी ही बोला जाता है। इस तरह अंग्रेजी समुदाय के बोहत सारे शब्द हमारे रोजिंदा जीवन में उपयोग होने लगे।
तो इस तरह शब्द के इतिहास को ढूंढकर शब्दों को वर्गीकृत किया जा सकता है।
रचना के आधार पर शब्द के प्रकार
- रूढ़ शब्द
- योगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
रूढ़ शब्द : यह शब्द अकेले होते है। ये शब्द किसी दूसरे शब्द के आधार पर नहीं बने होते है। ऐसे शब्दों के साथ किसी अन्य शब्दों का योग नहीं होता है। रूढ़ शब्दों को खंडित नहीं किया जाता। जैसे की काम, टिका, ऊंट
योगिक शब्द : किसी दूसरे शब्द के योग से बनने वाले शब्दों को योगिक शब्द कहते है। मतलब ऐसे शब्दों में दो से ज्यादा शब्दों का योग होता है। अगर आप योगिक शब्द का विभाजन करेंगे तो उसमे से दो से अधिक शब्द आपको मिल जायँगे। जैसे की श्वेतकण। श्वेतकण शब्द में दो शब्द है। स्वेत और कण।
योगरूढ़ शब्द: ऐसे शब्दों का अर्थ कुछ विशेष निकालता हो तो वह योगरूढ़ शब्द होते है। यह शब्द योगिक होकर विशेष अर्थ निकालने वाले शब्द होते हैं। जैसे की मुरलीधर – जिसने मुरली धारण की हो
व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर शब्द का प्रकार
भाषा व्याकरण आधारित होती है। किसी भी भाषा को समझने के लिए उसके व्याकरण को समझना अनिवार्य होता है। चाहे वह हिंदी हो या इंग्लिश। शब्दों को भाषा के व्याकरण के आधारित वर्गीकृत किया जाता है और समजा भी जाता है।
व्याकरण के आधार पर दो प्रकार
विकारी– लिंग, वचन, कारक, काल का अध्ययन किया जाता है। जिसमें संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया आदि शब्द भी आते हैं।
अविकारी – अविकारी शब्द ऐसे होते है जिसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन संभव नहीं है। उन्हें विकारी या अवयव शब्द कहते हैं जिसमें क्रिया विशेषण, संबोधन, समुच्चयबोधक, विस्समयबोधक वगेरा का समावेश होता है।
सारांश
हर भाषा व्याकरण के आधारित होती है। सभी भाषा की लिपि, रचना वगेरा अलग अलग होते है। उन्हें समझने के लिए हमे व्याकरण को समझना जरुरी होता है। व्याकरण में शुरुआती ज्ञान शब्द के बारेमे जानना जरुरी है। आपने यहां से शब्द किसे कहते है और शब्द के भेद अच्छे से समज लिए होंगे।
धन्यवाद
यह भी पढ़िए