सर्वनाम किसे कहते हैं परिभाषा और सर्वनाम के भेद

Sarvanam Kise Kahate Hain

Sarvanam Kise Kahate Hain : हेलो दोस्तों, हिंदी बाराखड़ी डॉट कॉम पे स्वागत हैं। व्याकरण के महत्व के भाग सर्वनाम पे आज हम इस पोस्ट में बात करने वाले हैं जैसे की सर्वनाम की परिभाषा, सर्वनाम किसे कहते हैं, सर्वनाम के भेद, उदाहरण, सर्वनाम के रूपांतर वगेरा।

Sarbnam ki paribhasha

सर्वनाम की परिभाषा : ऐसे शब्द जिन्हे संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहा जाता है।

सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना है। सर्व + नाम । सर्व का अर्थ होता है सब और नाम कोई भी संज्ञा। इस प्रकार सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है सभी प्रकार के नामों के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द।

ध्यान रहे सिर्फ नाम के स्थान पर आने वाले शब्द ही सर्वनाम हैं।

हिंदी में वाक्यों को लिखते या बोलते समय कई नामों का प्रयोग किया जाता है। ये नाम या संज्ञा वाक्य में बार बार आते हैं। जिसके कारण वाक्य विन्यास और वाक्य का सौंदर्य खराब होता है।

जैसे की मुकेश एक सुन्दर लड़का है। मुकेश सूर्योदय से पहले उठता है। मुकेश बहुत कम खाना खता है। मुकेश शाम को खेलने जाता है। । 

यहां मुकेश शब्द एक नाम या संज्ञा है, की बार बार पुनरावृत्ति हो रही है। जिससे भाषा का सौंदर्य खराब हो रहा है साथ ही वाक्य बड़ा भी हो जा रहा है।

ऐसे में हम नाम का प्रयोग एक बार करते हैं और बाकी जगह पे नाम का बार बार प्रयोग न करके वह (सर्वनाम) का प्रयोग करते हैं।

जैसे की : मुकेश एक सुन्दर लड़का है। वह सूर्योदय से पहले उठता है।बहुत कम खाना खता है। वह शाम को खेलने जाता है। । 

मतलब की यह जो वह का प्रयोग किया है यही सर्वनाम है। समजे।

Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain

व्यवहारिक रूप से सर्वनाम के 6 भेद होते हैं

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. संबंधवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

पुरुषवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

ऐसे सर्वनाम जो किसी पुरुष या स्त्री के नाम के बदले में प्रयोग किये जायें ऐसे सर्वनाम को पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, वह आदि।

हिंदी व्याकरण में पुरुष तीन प्रकार के होते हैं

  • उत्तम पुरुष
  • मध्यम पुरुष
  • अन्य पुरुष

उत्तम पुरुष

जो व्यक्ति किसी बात को कहता है। वह उत्तम पुरुष है। मतलब की वाक्य को बोलने वाला उत्तम पुरुष है। इसके अंतर्गत आने वाले सर्वनाम हैं
जैसे की – मैं, हम, मैंने, हमने, मेरा, हमारा, मुझे, मुझको

उदाहरण– मैं गांव जाने वाला हु।

मध्यम पुरुष

जिससे बात कही जाती है या जो सुनने वाला होता है। वह मध्यम पुरुष है। इसमें निम्न सर्वनाम आते हैं-
तू, तुम, तुमने, तुझे, तूने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, आपने, आपको वगेरा

उदाहरणतुम आज बीमार लग रहे हो।

अन्य पुरुष

जब वाक्य में किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करते हैं। जोकि वहां मौजूद नहीं है। तो वह व्यक्ति अन्य पुरुष है। इसमें आने वाले सर्वनाम अग्रलिखित हैं।

जैसे की – वह, यह, वे, ये, इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको

उदाहरण– वह बहुत कंजूश इंसानहै।

निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

ऐसे शब्द जिनसे किसी वस्तु या व्यक्ति का निश्चित बोध होता है, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इस तरह के सर्वनाम व्यक्ति या वस्तु की निश्चित स्थिति की ओर संकेत करते हैं। इसके अंतर्गत निम्न सर्वनाम आते हैं-
यह, वह, ये, वे

उदाहरण– यह मेरा मोबाइल है, वह उनकी बुक है, ये मेरा हाथ हैं, वे तुम्हारे पतंग हैं, मेरा चार्जर यह है।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी वस्तु की निश्चित संख्या या स्थिति का बोध न होता हो। उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसके अंतर्गत आने वाले सर्वनाम हैं- कोई, कुछ, किसी वगेरा

उदाहरण- कोई देख लेगा जल्दी कर, मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा था, कुछ तो करना ही होगा।

संबंध वाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जिस सर्वनाम से किसी दूसरे सर्वनाम या व्यक्तियों या वस्तुओं से संबंध का पता चलता है, उसे संबंध वाचक सर्वनाम कहते हैं। इसके अंतर्गत जोसो वगेरा सर्वनाम आते हैं।

उदाहरण- जो पानी पाइक गया, वो लेके गया। जो खोदेगा सो गिरेगा

प्रश्नवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

जिस सर्वनाम से प्रश्न का बोध होता हो, उसे प्रश्न वाचक सर्वनाम कहते हैं। इसके अंतर्गत कौन, क्या, कहाँ वगेरा सर्वनाम आते हैं।

उदाहरण- वो कौन है, यह क्या कर रहा है, वो कहा गया।

निजवाचक सर्वनाम किसे कहते हैं

यह ऐसा सर्वनाम होता है जो वाक्य में कर्ता द्वारा ‘अपने आप’, स्वयं, खुद के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत आने वाला सर्वनाम है- आप। ध्यान रहे की आप का उपयोग पुरुषवाचक सर्वनाम के मध्यम पुरुष में भी होता है।

लेकिन यहां प्रयुक्त होने वाला आप उससे भिन्न है। इस आप का अर्थ खुद या स्वयं होता है।

उदाहरण:

  • किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चय के लिए। जैसे- मैं आप वहीं से गया हूँ।
  • दूसरे व्यक्ति के निराकरण के लिए। जैसे- वह औरों को नहीं, अपने आप को खा रहा है।
  • जनसामान्य के अर्थ में। जैसे की- आप भला तो जग भला।

सर्वनाम के रूपांतर

लिंग के आधार पर

सर्वनाम चाहे किसी भी लिंग के लिए प्रयुक्त हुआ हो, उसका रूप हमेशा एक ही रहता है उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता है। जैसे की वह जा रहा है।

वचन के आधार पर

संज्ञा की ही तरह सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं। एकवचन– मैं, वह और बहुवचन– हम लोग, वे लोग

कारक के आधार पर

सर्वनाम में केवल सात ही कारक होते हैं। इसमें संबोधन कारक नहीं होता है। क्योंकि पुकारने में संज्ञा का ही प्रयोग किया जाता है।

कारकों की विभक्तियों के साथ सर्वनाम के रूप बदल जाते हैं। जैसा कि नीचे तालिका में प्रदर्शित है-

विभक्ति के आधार पर

सर्वनामकर्ताकर्मकरणसम्प्रदानअपादानसंबंधअधिकरण
मैंमैं, मैंनेमुझको, मुझेमुझसेमुझको, मुझे, मेरे लिएमुझसेमेरा, मेरी, मेरेमुझमें, मुझपर
हमहम, हमनेहमको, हमेंहमसेहमको, हमें, हमारे लिएहमसेहमारा, हमारी, हमारेहममें, हमपर
तुमतुम, तुमनेतुमकोतुमसेतुमको, तुम्हेंतुमसेतुम्हारा, तुम्हारी, तुम्हारेतुममें, तुमपर
वहवह, उसनेउसको, उसेउससेउसको, उसे, उसके लिएउससेउसका, उसकी, उसकेउसमें, उसपर
वेवे, उन्होंनेउनको, उन्हेंउनसेउनको, उन्हें, उनके लिएउनसेउनका, उनकी, उनकेउनमें, उनपर
आप आपअपने कोअपने सेअपने लिएअपने सेअपना, अपनी, अपनेअपने में

सारांश

सर्वनाम दो शब्दों से मिलकर बना है। सर्व + नाम । सर्व का अर्थ होता है सब और नाम कोई भी संज्ञा। इस प्रकार सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है सभी प्रकार के नामों के लिए प्रयुक्त होने वाले शब्द। तो दोस्तों सर्वनाम किसे कहते हैं और सर्वनाम के कितने भेद होते हैं आप समज गए होंगे।

धन्यवाद

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