विशेषण कितने प्रकार के होते हैं / परिभाषा और उदाहरण
व्याकरण का महत्व का टॉपिक विशेषण। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से विशेषण के कितने प्रकार होते हैं वह जानने वाले है।
विशेषण कितने प्रकार के होते हैं
विशेषण आठ प्रकार के होते हैं विशेषण के प्रकार निचे मुजब हैं
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिणामवाचक विशेषण
- व्यक्तिवाचक विशेषण
- सम्बन्धवाचक विशेषण
- तुलनाबोधक विशेषण
- प्रश्नवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
1 – गुणवाचक विशेषण
जो शब्द संख्या और सर्वनाम के गुण, दोष, रंग, आकार, रूप, दसा आदि का बोध कराते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहा जाता हैं।
उदाहरण :
- सेठ कंजूस था।
- द्राक्ष खट्टी होती है।
- हरेश अमेरिका है।
- कच्चा आम लीला होता है।
- बकरी काली है।
- चीनी बोहत मिठ्ठी होती है।
- करेला कड़वा होता है।
ऊपर के वाक्यों में कंजूश, खट्ठी, काली, मीठी, कड़वा वगेरा गुण का बोध कराते है इसलिए ये गुणवाचक संज्ञा हैं।
2- संख्यावाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा – वाक्य में सर्वनाम या संज्ञा की संख्या को प्रकट करने वाला या संख्या का बोध कराने वाले शब्द को संख्यावाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे की– एक, दो, तीन, चार, सो, हजार वेगरा।
- गांव में सिर्फ एक तालाब हैं।
- डजन में बारह नंग होते हैं।
- कौरव सो भाई थे।
- पांडव पांच भाई थे।
- रावण के दस मुख थे।
- मेरे पास दो साइकिल है।
- विशेषण आठ प्रकार के होते हैं।
- वेद चार है।
- राम के तीन भाई थे।
- कृष्ण की आठ राणिया थी।
3- परिणामवाचक विशेषण
परिणामवाचक विशेषण की परिभाषा : वाक्य के ऐसे शब्द जो वस्तु का परिणाम या मात्रा का बोध कराते हैं ऐसे विशेषण को परिणामवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे की – आधा किलो, किलो, आधा लीटर, इंच
- डेरी से दो लीटर दूध लेकर आना।
- मुझे दो मीटर कपडा चाहिए।
- पांच किलो गेहू पीसने की जरुरत हैं।
- पांच किलो घी से आठ किलो मिठाई बनेगी।
4- व्यक्तिवाचक विशेषण
व्यक्तिवाचक विशेषण की परिभाषा – वाक्य में स्थित व्यक्तिवाचक संज्ञा की विशेषता बताने वाले शब्द को व्यक्तिवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे की – जयपुरी, जोधपुरी, बनारसी, नेपाली, अमेरिकी, बिहारी वगेरा।
- वह लड़का अमेरिकी हैं।
- महेश ने सादी में जोधपुरी सूट पहना था।
- हरेश नेपाल जाके नेपाली बन गया।
- में गुजराती हु।
5- सबन्धवाचक विशेषण
सबन्धवाचक विशेषण की परिभाषा : वाक्य में स्थित दो व्यक्ति या वस्तु के बिच के सबंध का बोध कराने वाले विशेषण को सबन्धवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे की– आखरी, पहला, भीतरी, अंदरूनी वगेरा
- पृथ्वी पर पक्षी की यह जाती आखरी बची हैं।
- रमेश बाहरी दिखावा कर रहा था।
- यह आखरी पड़ाव है।
- राम सबसे पहले लंका गए थे।
- अंदुरनी घुंटन मुझे हो रही है।
6- तुलनाबोधक विशेषण
तुलनबोधक विशेषण की परिभाषा : वाक्य में स्थित दो या दो से अधिक व्यक्तिओ की या वस्तुओ की तुलना जिन शब्दों की मदद से की जाती हैं ऐसे शब्दों को तुलनबोधक विशेषण कहते हैं।
जैसे की– ज्यादा गर्म, ज्यादा तेज, बहुत सुन्दर
- यह पानी बहुत ज्यादा गरम हैं।
- ये कन्या बहुत सुन्दर है।
- ये लड़का ज्यादा तेज भाग सकता हैं।
- परी सुन्दर होती हैं।
7- प्रश्नवाचक विशेषण
वाक्य में स्थित ऐसे शब्द जिनके माध्यम से संज्ञा या सर्वनाम के बारेमे सवाल पूछे जाते हैं ऐसे शब्दों को प्रश्नवाचक विशेषण कहते हैं।
जैसे की – कैसे, कब, कौन, कहा, कैसे वगेरा
- महेश कब गांव से आ रहा हैं?
- प्रेममंदिर कहा स्थित हैं ?
- इतना मीठा कौन सा पक्षी बोल रहा हैं?
- तुम कहा जा रहे हो ?
- महारणा प्रताप कौन थे ?
- विक्रमादित्य का के समय में देश क्या था ?
8- सार्वनामिक विशेषण
वाक्य में स्थित सर्वनाम जो नाम या संज्ञा से पहले आता हो और उनकी विशेषता को बदलता हो तो ऐसे शब्द सर्वनाम को सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
जैसे की – यह, वह, हमारा, मेरा, तेरा, उसका वगेरा
- यह खेत मेरे भाई का है।
- वह भैंस बहुत ज्यादा दूध देती हैं।
- हमारा गांव बहुत छोटा है।
- तेरा नाम क्या है?
सारांश
विशेषण आठ प्रकार के होते हैं। यह मेने इस पोस्ट के माध्यम से उदाहरणों के सहित आपको संजय है। व्याकरण को अच्छे से समजना जरुरी हैं। क्यों की स्पर्धात्मक परीक्षाओ में व्याकरण की तैयारी करनी होती हैं। तो विशेषण कितने प्रकार के होते हैं आप समज गए होंगे।
धन्यवाद
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