Dhyan Kaise kare | ध्यान कैसे करें।

Dhyan Kaise kare

Dhyan Kaise kare: दरअसल आपको बता दूं कि मेडिटेशन करने में शुरुआत में मन और दिमाग बहुत विचलित होता है. दिमाग में इतने विचार आते हैं जिन्हें कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है जानिए मेडिटेशन में ध्यान कैसे लगाएं।

ध्यान (Meditation) में अक्सर लोगों का ध्यान नहीं लगता है. शुरुआत में लोगों के विचार बहुत तेजी से दिमाग में घूमते हैं. ऐसा लगता है कि ध्यान भंग हो रहा है. कई बार आंखें बंद करके भी हम किसी सोच में खो जाते हैं? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपको मेडिटेशन से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए।

इस तरह आप अपने दिमाग को भटकने से रोक सकती हैं और मेडिटेशन पर ध्यान केन्द्रित कर सकती हैं. आइये जानते हैं मेडिटेशन के दौरान क्या करें जिससे ध्यान केन्द्रित हो सके।

मेडिटेशन या ध्यान करना तन-मन के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा उपाय है। नियमित करने से 1-2 महीने में ही इसके फायदे आपको दिखने लगेंगे। दुनिया की सभी प्रसिद्ध और महान हस्तियों ने प्राचीन और आधुनिक काल में इनका पालन करके, इनके लाभ और महत्व को स्वीकारा है। आजकल ध्यान सिखाने के कई केंद्र है, संस्थाएं हैं जो कि कई अलग-अलग तरीको से मेडिटेशन करना सिखाते हैं।

ध्यान योग कैसे करे, ध्यान की विधि, तरीका | Dhyan Kaise kare

ध्यान की सभी विधियों में कुछ बेसिक समानताएं हैं जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि सभी क्रियाओं का मूल एक ही है. इसलिए सभी क्रियाएँ अच्छी है।नियमित ध्यान करने से सभी तरीके लाभ देते हैं। अब हम ध्यान करने का तरीका और ध्यान के फायदे बतायेंगे। 

1.सरल जीवन शैली का पालन | Dhyan Kaise kare

सादा-सात्विक भोजन करना, शरीर को साफ़-स्वच्छ रखना, सकारात्मक (Positive) विचार रखना और अच्छे गुणों का पालन मन में शांति, सुकून का अनुभव देता है। यह सब ध्यान के लिए सही मानसिक स्थिति बनाते है. सभी ध्यान क्रियाए इनके महत्व को स्वीकार करती

2.ध्यान करने का सही समय | Dhyan Kaise kare

सुबह 3 बजे से 6-7 बजे तक का समय और रात 10 बजे के बाद का समय ध्यान के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय वातावरण में शांति रहती है, व्यवधान (disturbance) कम होते है. ध्यान विधियों के अनुसार ये समय मानसिक शक्तियों के विकास के लिए बेस्ट होता है.

3.ध्यान कहाँ करें और ध्यान का आसन क्या हो | Dhyan Kaise kare

ध्यान करने का स्थान आपके पूजा करने की जगह, कोई शांत कमरा या एकांत खुली जगह हो सकती है. एक ही जगह पर रोज ध्यान करना ध्यान मे प्रगति के लिए अच्छा माना जाता है।

जमीन पर कम्बल या ऊनी आसन बिछाकर पालथी मारकर सुखासन या पद्मासन में बैठें. चटाई, कुश के आसन, रुई की गद्दी (कुशन) भी प्रयोग कर सकते है. अगर जमीन पर बैठने में परेशानी हो तो किसी कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं।

ध्यान रखें कि कुर्सी की पीठ सीधी हो, जिससे कि आपकी backbone सीधी रहे और आपके पैर जमीन पर समतल (Flat) लगते हो. पैर के नीचे को Mat या मोटा कपड़ा हो जिससे पैर का सीधे जमीन से सम्पर्क न हो।

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4.शरीर की स्थिति | Dhyan Kaise kare

ऑंखें बंद या अधखुली हों. पीठ सीधी होनी चाहिए, Backbone (मेरुदंड) एक सीध में हो. आराम से बैठे।

अकड़ कर या कोई ऐसी पोजीशन में न बैठे जिससे दर्द या प्रॉब्लम हो, नहीं तो आपका मन ध्यान में नहीं लगेगा. हाथ अपनी जांघों या घुटनों पर रखें. हाथ ऊपर की ओर खुले हुए हों।

5.गहरी सांस लें या प्राणायाम करें | Dhyan Kaise kare

ध्यान की शुरुआत में प्राणायाम करना या थोड़ी देर तक लम्बी सांस धीरे-धीरे लेना और धीरे-धीरे छोड़ना दिमाग और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढाता है. इससे मष्तिष्क सक्रिय (Charge) होता है और विचारों को कण्ट्रोल करना सम्भव होता है।

गुस्से में, जोश में सांस बहुत तेज चलने लगती है और दुःख और निराशा में सांस धीमी हो जाती है. सांस की गति का विचारों पर असर होता है और असामान्य सांस से मानसिक अस्थिरता (Mental unsuitability) पैदा होती है।

इसलिए प्राणायाम या गहरी और लम्बी सांस मन और विचारों में शांति लाती है, जिससे मन को एकाग्र करने में मदद मिलती है।

6.खुद को परमपिता या परमशक्ति के अंश के रूप में अनुभव करना | Dhyan Kaise kare

यह संसार उर्जा के अलग अलग रूपों की अभिव्यक्ति है. इस ब्रह्मांड में एक परम उर्जा या शक्ति का अस्तित्व है जोकि हमारा, सभी जीव जन्तु प्राणियों का और इस दुनिया का नियमित संचालन कर रही है।

हम भी उसी असीम ऊर्जा (Infinite energy source) का एक भाग है और उससे जुड़े हुए हैं. अपने आप को उस परम स्रोत का अंश मानने से हमें अपनी असीम क्षमता और संभावनाओ का अनुभव होता है।

ध्यान शुरू करते समय परमपिता/परमशक्ति से प्रार्थना की जाती है कि हमारा ध्यान सफल हो, हमें अपने दिव्य वास्तविक स्वरुप का अनुभव हो।

7.विचारो पर नियंत्रण कैसे करें | Dhyan Kaise kare

अक्सर ही मन में विचारों की एक Chain चलती रहती है. एक विचार अगले विचार को जन्म देता है और हमारा दिमाग इसी में व्यस्त रहता है. ध्यान विधियों में कहा गया है विचारो की गति को रोकें, विचार मुक्त होने का प्रयास करें

इसके लिए जब मन में विचार आयें तो उन्हें आने-जाने दें, उनमे खोयें या उलझे नहीं. बस एक दर्शक की तरह विचारो के प्रवाह को देखें. किसी विचार को पकड़ कर उसे स्पीड न दें।

इससे धीरे धीरे विचार की गति धीमी होती जाएगी और कम विचार आयेंगे. मन को एकदम विचार मुक्त करने में कितना समय लगेगा ? यह आपके इच्छाशक्ति और प्रयास की गंभीरता पर निर्भर करता है।

यही ध्यान (मेडिटेशन) की गहराई में जाने का रास्ता है. इसलिए धैर्य, लगन और पॉजिटिव सोच के साथ प्रयास करते रहें

8.एक बिंदु पर मन केन्द्रित करें | Dhyan Kaise kare

ध्यान में मन को विचारों से हटा कर एक बिंदु या एक विचार पर स्थिर करना होता है।

लगभग सभी विधियों में कहा गया है कि आंख बंद करके भौहों (Eye brow) के मध्य बिंदु पर देखने का प्रयास करें और मन को केन्द्रित करें. इसमें आपको बहुत जोर नहीं लगाना है कि आँखों या सिर में दर्द होने लगे. बस बंद आँखों में आराम से दृष्टि ऊपर को रखनी है।

कुछ विधियों में मन को सांस लेने और छोड़ने पर फोकस करने के लिए कहा गया है या सांस लेने-छोड़ने के बीच के छोटे से अन्तराल पर ध्यान लगायें.

9.नियमित ध्यान करें | Dhyan Kaise kare

जैसे हम रोजाना खाना खाते, सोते, दिनचर्या का पालन करते है उसी तरह ध्यान भी नियमित होना चाहिए. तभी ध्यान करने से होने वाले फायदों को आप महसूस कर पायेंगे।

रोज ध्यान करने से हमारी विचार, कर्म और भावना में एक बैलेंस आता है जोकि जीवन में सफलता और सुख लाता है. प्रतिदिन ध्यान करने से ध्यान की गहराइयों में उतरना संभव बनता है।

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