प्रत्यय क्या होता है? तथा इसके प्रकार |
प्रत्यय क्या होता है?
प्रत्यय वह अंश होता है जो शब्द के मूल रूप (धातु या प्रकृति) से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करता है। प्रत्यय शब्द के अंत में लगते हैं और उनका अर्थ या कार्य परिवर्तित हो जाता है।
उदाहरण:-
1) खा (धातु) + ना (प्रत्यय) = खाना (नया शब्द बन गया)
2) घर (प्रकृति शब्द) + वाला (प्रत्यय) = घरवाला
3) कमल (प्रकृति शब्द) + ई (प्रत्यय) = कमली
4) सुगंध +इत = सुगंधित
भूलan
5) मीठा +आस = मिठास
6) लोहा +आर = लुहार
7) नाटक +कार =नाटककार
8) बड़ा +आई = बढ़ाई
9)टिक +आऊ = टिकाऊ
10) बिक +आऊ = बिकाऊ
11) होन +हार = होनहार
12) लेन +दार = लेनदार
13) घट + इया = घटिया
14) गाडी +वाला = गाड़ीवाला
15) सुत +अक्कड = सुतक्कड़
16)दया +लु = दयालु
इस प्रकार प्रत्यय शब्दों में नए अर्थ जोड़ते हैं।
Also Read: छंद विचार क्या है, इसके प्रकार, कविता और संगीत में इसकी भूमिका |
प्रत्ययों के दो मुख्य प्रकार होते हैं:-
1) क्रिया प्रत्यय:
ये धातुओं से जुड़कर नए शब्द बनाते हैं। जैसे – खा+या=खाया, पढ़+ा=पढ़ा, लिख+ेगा=लिखेगा आदि।
2) नाम प्रत्यय:
ये प्रकृति शब्दों से जुड़कर नए शब्द बनाते हैं। जैसे – घर+वाला=घरवाला, पौधा+गृह=पौधागृह, आम+ी=आमी आदि।
इसके अलावा, उपसर्ग भी प्रत्यय की तरह काम करते हैं लेकिन वे शब्द के आगे लगते हैं।
वैसे तो हिंदी व्याकरण के अनुसार प्रत्यय कई प्रकार के होते है, लेकिन मुख्य रूप से इन्हें 6 प्रकारों में बाँटा जा सकता है:-
1. कर्तृ प्रत्यय:
जो क्रिया के कर्ता को दर्शाते हैं।
उदाहरण: खा+क, खा+नहार, पढ़+नेवाला आदि।
2. कर्म प्रत्यय:
जो क्रिया के कर्म को दर्शाते हैं।
उदाहरण: खा+ना, पी+ना, लिख+ा, पढ़+ा आदि।
3. भाववाचक प्रत्यय:
जो क्रिया के भाव को दर्शाते हैं।
उदाहरण: खा+इ, दौड़+ाई, सिखा+इ आदि।
4. काल वाचक प्रत्यय:
जो समय के आधार पर क्रिया को दर्शाते हैं।
उदाहरण: खा+या (भूतकाल), खा+एगा (भविष्यकाल), खा+ता (वर्तमानकाल) आदि।
5. पुरुष-वचन वाचक प्रत्यय:
जो कर्ता के पुरुष और वचन को दर्शाते हैं।
उदाहरण: खा+ता (पुल्लिंग एकवचन), खा+ती (स्त्रीलिंग एकवचन), खा+ते (पुल्लिंग बहुवचन) आदि।
6. विधिलिंग प्रत्यय:
जो क्रिया को आज्ञा, विनय आदि के रूप में दर्शाते हैं।
उदाहरण: खा+ओ (आज्ञार्थ), खा+इए (विनयार्थ), खा+ना (अनुज्ञार्थ) आदि।
इस प्रकार हिंदी में क्रिया प्रत्ययों का विविध रूप देखा जा सकता है जो क्रियाओं के विभिन्न पक्षों को दर्शाते हैं।
नाम प्रत्यय वे प्रत्यय होते हैं जो किसी शब्द (मूल शब्द या प्रकृति) के अंत में लगकर नया नाम शब्द बना देते हैं। इन प्रत्ययों से शब्द का वाच्यार्थ परिवर्तित हो जाता है और वे नाम वर्ग के शब्द बन जाते हैं।
नाम प्रत्ययों के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:-
1. कर्तृवाचक प्रत्यय:
जो किसी क्रिया को करने वाले व्यक्ति/वस्तु का नाम बताता है।
उदाहरण: खा+अ=खाया, बन+आ=बनाया, पढ़+नेवाला
2. भाववाचक प्रत्यय:
जो किसी भाव/स्थिति का नाम बताता है।
उदाहरण: अच्छ+आई=अच्छाई, थक+आवट=थकावट, दुख+ी=दुखी
3. अवस्था वाचक प्रत्यय:
जो किसी अवस्था का नाम बताता है।
उदाहरण: बुढ़+अपा=बुढ़ापा, लड़क+पन=लड़कपन, बच्च+ा=बच्चा
4. संज्ञा बनाने वाले प्रत्यय:
जो किसी संज्ञा का नाम बनाते हैं।
उदाहरण: घर+वाला=घरवाला, शहर+ी=शहरी, खाद्य+कार्य=खाद्यकार
5. विशेषण बनाने वाले प्रत्यय:
विशेषण वर्ग के शब्द बनाते हैं।
उदाहरण: मीठ+ा=मीठा, भार+ी=भारी, हर+ा=हरा
इस प्रकार नाम प्रत्यय शब्दों के वाच्यार्थ को बदलकर उन्हें नाम वर्ग के शब्द बना देते हैं।
लोगों द्वारा प्रत्यय से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रमुख प्रश्न:-
प्रश्न 1: प्रत्यय क्या होता है?
उत्तर: प्रत्यय वह अंश होता है जो शब्द के मूल रूप से जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करता है। प्रत्यय शब्द के अंत में लगते हैं और शब्द का अर्थ या कार्य परिवर्तित हो जाता है।
प्रश्न 2: प्रत्यय के प्रकार कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर: प्रत्यय के दो मुख्य प्रकार होते हैं – क्रिया प्रत्यय और नाम प्रत्यय। क्रिया प्रत्यय धातुओं से जुड़कर नए शब्द बनाते हैं, जबकि नाम प्रत्यय प्रकृति शब्दों से जुड़कर नए शब्द बनाते हैं।
प्रश्न 3: क्रिया प्रत्यय के प्रकार क्या हैं?
उत्तर: क्रिया प्रत्यय के कुछ प्रमुख प्रकार हैं – कर्तृ प्रत्यय, कर्म प्रत्यय, भाववाचक प्रत्यय, काल वाचक प्रत्यय, पुरुष-वचन वाचक प्रत्यय और विधिलिंग प्रत्यय।
प्रश्न 4: नाम प्रत्यय किसे कहते हैं?
उत्तर: नाम प्रत्यय वे प्रत्यय होते हैं जो किसी शब्द के अंत में लगकर नया नाम शब्द बना देते हैं। इनमें कर्तृवाचक, भाववाचक, अवस्थावाचक, संज्ञा बनाने वाले और विशेषण बनाने वाले प्रत्यय शामिल हैं।
प्रश्न 5: प्रत्यय का कोई उदाहरण दीजिए।
उत्तर: खा (धातु) + ना (कर्म प्रत्यय) = खाना, घर (प्रकृति) + वाला (संज्ञा प्रत्यय) = घरवाला, कमल (प्रकृति) + ई (स्त्रीलिंग प्रत्यय) = कमली
इस प्रकार प्रत्यय शब्दों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और लोगों द्वारा इससे संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं।
आप प्रत्ययों की पहचान कैसे करते हैं?
प्रत्ययों को पहचान करने के कुछ सरल तरीके इस प्रकार हैं:-
1. मूल शब्द/प्रकृति की पहचान करें: शब्द के आखिरी अंश को हटाकर देखें कि मूल शब्द/प्रकृति क्या है। उदाहरण के लिए, “खाता” शब्द में “खा” मूल शब्द है और “ता” अंतिम अंश है।
2. अंतिम अंश का अर्थ समझें: मूल शब्द के बाद आने वाले अंतिम अंश का अर्थ समझें। उदाहरण में “ता” एक क्रिया प्रत्यय है जो कर्ता के लिंग और वचन को दर्शाता है।
3. शब्द वर्ग की पहचान करें: देखें कि मूल शब्द और अंतिम अंश के मिलने से कौन सा शब्द वर्ग बनता है – क्रिया, संज्ञा, विशेषण आदि।
4. प्रत्यय के प्रकार की पहचान करें: जानें कि प्रत्यय किस प्रकार का है – कर्म, कर्ता, भाव, काल, पुरुष-वचन आदि आधार पर।
5. समान प्रत्यय देखें: अन्य शब्दों में भी समान प्रत्यय देखें और उनके अर्थ व कार्य को समझें। जैसे -पढ़ा, लिखा, गया – यहाँ “आ” कर्म प्रत्यय है।
6. शब्दकोश व नियम याद रखें: धीरे-धीरे प्रत्ययों के प्रयोग के नियम और उदाहरण याद करने से प्रत्ययों की पहचान आसान हो जाती है।
यदि प्रत्यय की पहचान करते समय अभ्यास किया जाए तो यह कौशल और भी विकसित हो जाएगा। प्रत्यय हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग हैं।
Read More: प्रत्यय क्या होता है? तथा इसके प्रकार |