Aanar Ki Kheti kaise Kare
Aanar Ki Kheti kaise Kare: दरअसल आपको बता दूंगी कि अनार की खेती फल के रूप में की जाती है, इसके फलों में रस की मात्रा अधिक पाई जाती है, जिस वजह से इसे जूस बनाने के लिए अधिक इस्तेमाल में लाया जाता है |
अनार एक बहुत ही उपयोगी फल है, जिसमे कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन और विटामिन की मात्रा सबसे अधिक पाई जाती है | अनार का सेवन मानव शरीर के लिए काफी लाभदायक होता है, यह मनुष्य के शरीर में अधिक तेजी से रक्त की मात्रा को बढ़ाता है |
इसके ताजे फलों का इस्तेमाल करने से कब्ज की लम्बी बीमारी को भी दूर कर सकते है,जिस वजह से बाज़ारो में अनार की मांग अधिक रहती है | अनार का सेवन कर अनेक प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है।इसके बीज और छिलको का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाईयो को बनाने में भी किया जाता है |
बुढ़ापे में अनार का सेवन करने से अल्जाइमर की बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है | इसके पौधों में निकलने वाली पत्तियों में काटे लगे होते है | अनार का पूर्ण विकसित पौधा 15 से 20 वर्षो तक पैदावार देता है।
जिससे किसान भाई अनार की खेती कर अधिक लाभ कमा सकते है | भारत में अनार की फसल को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है | यदि आप भी अनार की खेती करने का मन बना रहे है, तो इस लेख में आपको अनार की खेती कैसे करें।दी
अनार की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान । Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली हल्की भूमि की आवश्यकता होती है | इसके अलावा रेतीली बलुई दोमट मिट्टी भी अनार की खेती के लिए उपयुक्त होती है | इसकी खेत में भूमि का P.H. मान 6.5 के 7.5 के मध्य होना चाहिए | अनार का पौधा उपोष्ण जलवायु वाला होता है | अनार की खेती शुष्क जलवायु में अधिक पैदावार देती है | इसके पौधे अधिक गर्मी में अच्छे से।
तथा अधिक सर्दी और नमी वाली जलवायु में इसकी खेती को नहीं करना चाहिए | नम जलवायु में इसके पौधे कई तरह के रोगो से ग्रसित हो जाते है |
इसकी खेती में थोड़ा अधिक तापमान जरूरी होता है | अधिक तापमान में इसके पौधों को वृद्धि करने में आसानी होती है, किन्तु पौध रोपाई के समय इन्हे सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है | इसके बाद पौधों को बढ़ने और फल निकलने के दौरान इन्हे उच्च तापमान की जरूरत होती है | उच्च तापमान में इसके फलों में अधिक मिठास बढ़ती है, और रंग भी आकर्षक होता है |
अनार की उन्नत किस्में। Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की इस किस्म को तैयार होने में 160 दिन का समय लग जाता है | इसके पौधे उच्च तापमान को अधिक समय तक सहन नहीं कर पाते है | यदि उच्च तापमान अधिक समय तक बना रहता है, तो फलो की गुणवत्ता में कमी आ जाती है | इसके फलो के छिलको का रंग गुलाबी पीला तथा बीज गुलाबी रंग के होते है | इसके बीज रसेदार और बहुत मुलायम होते है | इस किस्म के एक पौधे से 10 से 15 KG की पैदावार प्राप्त हो जाती है | महाराष्ट्र में इस किस्म का उत्पादन सबसे अधिक किया जाता है |
फूले अरक्ता | Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की यह किस्म अधिक उत्पादन देने के लिये तैयार की गई है | इसे महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, महाराष्ट्र में तैयार किया गया है | इस किस्म का एक पौधा 25 से 30 KG की पैदावार दे देता है, तथा इसमें निकलने वाले फलो का आकार भी बड़ा होता है | इसके फलो का रंग गहरा लाल और अधिक आकर्षक होता है |
मृदुला | Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की इस किस्म को संकर के माध्यम से तैयार किया गया है | इस किस्म को फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, महाराष्ट्र ने गणेश और गुल-ए-शाह का संकरण कर तैयार किया है | इसमें निकलने वाले फलो का आकार सामान्य पाया जाता है, तथा फलो का रंग गहरा लाल और छिलका गुलाबी रंग का होता है | इसके बीजो में रस की मात्रा अधिक पाई जाती है, जो खाने में अधिक मुलायम भी होते है | इस किस्म के एक पौधे से 15 से 20 KG की पैदावार प्राप्त हो जाती है |
ज्योति | Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की यह किस्म बेसिन और ढ़ोलका का संकरण कर तैयार की गई है | इसमे निकलने वाले फलो का आकार सामान्य से थोड़ा बड़ा पाया जाता है | इस किस्म के फलो का रंग चमकीला लाल होता है | जिसमे बीज गुलाबी रंग के पाए जाते है | इस किस्म के एक पौधे से 8 से 10 KG की पैदावार प्राप्त हो जाती है |
बेदान | Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की यह किस्म अधिक शुष्क जलवायु में पैदावार देने के लिए उगाई जाती है | इसमे निकलने वाले फलो का आकार सामान्य पाया जाता है | इस किस्म के फलो का रंग लाल और बीज हल्के लाल रसीले होते है | इसके एक पौधे से 10 KG की पैदावार प्राप्त हो जाती है |
अनार की पौध तैयार करने का तरीका । Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार के पौधों की रोपाई पौध के रूप में की जाती है, इसके लिए बीजो को नर्सरी में तैयार कर लिया जाता है | इसके पौधों को कलम विधि द्वारा तैयार करना अच्छा माना जाता है, कलम द्वारा तैयार पौधा तीन वर्ष में पैदावार देना आरम्भ कर देता है | इसकी कलमों को कई विधि द्वारा तैयार किया जा सकता है | इसके लिए कास्ठ कलम विधि, ग्राफ्टिंग, गूटी बांधना और कलम विधियों का इस्तेमाल किया जाता है |
अनार के फलो की तुड़ाई, पैदावार और कमाई । Aanar Ki Kheti kaise Kare
अनार की उन्नत किस्में 120 से 130 दिन पश्चात् पैदावार देना आरम्भ कर देती है | जब इसके फलो का रंग ऊपर से पीलापन लिए हुए लाल रंग का हो जाये, उस दौरान इसके फलो की तुड़ाई कर ली जाती है |
अनार के एक पेड़ से लगभग 15 से 20 KG की पैदावार प्राप्त हो जाती है | एक हेक्टेयर के खेत में तक़रीबन 600 से अधिक पेड़ो को लगाया जा सकता है | अनार के एक हेक्टेयर के खेत से 90 से 120 क्विंटल की पैदावार प्राप्त हो जाती है, जिससे किसान भाई अनार की एक बार की फसल से 5 से 6 लाख तक की कमाई आसानी से कर सकते है |