Nifty Kya Hai | निफ्टी क्या है। और इसकी विशेषता क्या है
Nifty Kya Hai
दरअसल आपको बता दूं कि Nifty दो शब्दों से मिलकर बना है National और Fifty. इसे Nifty 50 भी कहा जाता है लेकिन आमतौर पर अधिकतर लोग इसे निफ्टी ही कहते हैं।
Nifty भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का एक प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स (संवेदी सूचकांक) है, जिसमें कि NSE में रजिस्टर शीर्ष 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है।
इन 50 कंपनियों के बाजार में प्रदर्शन के आधार पर निफ्टी में उतार – चढ़ाव होते हैं, Nifty में हो रहे उतार – चढ़ाव से NSE के परफॉरमेंस का पता चलता है।
NSE ने निफ्टी की शुरुवात 1996 में की थी. निफ्टी में 12 अलग – अलग सेक्टर की शीर्ष 50 कंपनियां शामिल हैं।
निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का एक इंडेक्स (सूचकांक) है, जिसमें NSE की सर्वश्रेष्ठ 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है।
निफ्टी का फुल फॉर्म क्या है | Nifty Kya Hai
निफ्टी का फुल फॉर्म National Stock Exchange Fifty है. NSE एक स्टॉक एक्सचेंज है और Fifty का मतलब 50 शेयर से है. इस प्रकार Nifty का मतलब हुआ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के 50 शेयर
निफ्टी काम कैसे करता है | Nifty Kya Hai
निफ्टी का प्रमुख काम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध टॉप 50 कंपनियों के बारे में जानकारी देना है. निफ्टी इंडेक्स के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि NSE शेयर बाजार की परफॉरमेंस कैसी चल रही है।
अगर निफ्टी में लिस्टेड कंपनियों को फायदा होता है तो कंपनियों के शेयर के दाम भी मार्केट में बढ़ जाते हैं, जिससे निफ्टी के दाम में भी तेजी आती है, और निफ्टी में उछाल आता है।
अगर निफ्टी में लिस्टेड कंपनियों को कम फायदा होता है तो कंपनियों के शेयर के दाम मार्केट में गिर जाते हैं, जिससे निफ्टी के शेयर प्राइस भी घट जाते हैं. तब कहा जाता है कि निफ्टी में गिरावट आई है।निफ्टी का मुख्य उद्देश्य है कि NSE शेयर बाजार की परफॉरमेंस के बारे में जानकारी प्रदान करवाना. तो इस प्रकार से निफ्टी काम करता है।
बैंक निफ्टी क्या है
निफ्टी के साथ एक और टर्म बहुत इस्तेमाल होता है जो कि बैंक निफ्टी है. इसे निफ्टी बैंक भी कहते हैं. चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।Bank Nifty को Indian Index Service Product Limited के द्वारा वर्ष 2000 में शुरू किया गया था. बैंक निफ्टी में भारत के बैंकिंग सेक्टर के 12 सबसे बड़े बैंक के शेयर को शामिल किया जाता है जो कि NSE पर सूचीबद्ध है।
Bank Nifty बैंकिंग सेक्टर की जानकारी प्रदान करवाती है, बैंक निफ्टी के देखकर पता लगाया जाता है कि बैंकिंग सेक्टर में Growth हो रही है या नहीं. Bank Nifty में होने वाले उतार चढ़ाव का प्रभाव निफ्टी 50 पर भी पड़ता है, क्योंकि बैंक निफ्टी में भारत के बैंकिंग सेक्टर के 12 सबसे बड़े बैंक शामिल हैं, और ये सभी बैंक निफ्टी 50 में भी शामिल हैं।
निफ्टी कैसे बनता है | Nifty Kya Hai
NSE में 1600 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं, उनमें से शीर्ष 50 ऐसी कंपनियों को निफ्टी में शामिल किया जाता है जिनके शेयर सबसे ज्यादा ख़रीदे और बेचे जाते हैं।
इन सभी 50 कंपनियों को 12 अलग – अलग सेक्टर से चुना जाता है, और ये सभी अपने सेक्टर में सबसे बड़ी कंपनियां होती हैं. इनका Market Capitalization पुरे बाजार का लगभग 60 प्रतिशत है।
निफ्टी में टॉप 50 कंपनियों को चुनने के लिए एक इंडेक्स कमिटी होती है, इसमें सरकार, बैंक, म्यूच्यूअल फण्ड आदि विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं. निफ्टी की गणना Free Float Market Capitalization के आधार पर की जाती है।
निफ्टी की गणना कैसे होती है
सेंसेक्स की तरह ही निफ्टी की गणना Free Float Market Capitalization के आधार पर होती है. बस इसके Base Year को 1995 और Base Index को 1000 माना जाता है।
निफ्टी की गणना के लिए सबसे पहले निफ्टी में शामिल सभी 50 कंपनियों का Market Capitalization (बाजार पूंजीकरण) निकाला जाता है. बाजार पूंजीकरण निकालने के लिए कंपनी के कुल शेयर को एक शेयर की कीमत से गुणा किया जाता है।
जैसे कि माना एक कंपनी ABC है जिसने 1000 शेयर जारी किये हैं और एक शेयर की कीमत 100 रूपये हैं, तो इस प्रकार उस कंपनी की Market Capitalization 1000*100 = 100000.
एक कंपनी के कई प्रकार के निवेशक होते हैं जिसमें से कुछ कंपनी के प्रमोटर भी होते हैं जिनके शेयर मार्केट में ख़रीदे और बेचे नहीं जाते हैं, यानि कि उनके शेयर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं।
कंपनी की Market Capitalization निकालने के बाद कंपनी का Free Float Market Capitalization निकाला जाता है. Free Float Market Capitalization में उन शेयरों को हटा दिया जाता है जो प्रमोटर या सरकार के पास होते हैं।
माना ABC कंपनी के 200 शेयर प्रमोटर के पास हैं तो ABC की Free Float Market Capitalization होगी, 800*100 = 80000.
अंत में निफ्टी की गणना के लिए निफ्टी में शामिल सभी 50 कंपनी के Free Float Market Capitalization को जोड़ दिया जाता है, और उसे 1995 के Base Market Capitalization से Divide करके Base Index Value 1000 से गुणा कर दिया जाता है।
निफ्टी में निवेश कैसे करें
निफ्टी में निवेश करने के लिए निम्न चरणों का पालन करें ।
- सबसे पहले किसी अच्छे स्टॉक ब्रोकर से अपना एक Demat Account खुलवाएं. आप Upstox App और Groww App जैसे डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर से अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं।
- जब आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा लेते हैं तो ब्रोकर आपको ट्रेडिंग करने के लिए प्लेटफार्म प्रदान करवाते हैं।
- ट्रेडिंग प्लेटफार्म में निफ्टी इंडेक्स फंड को सेलेक्ट करें।
- इसके बाद निफ्टी इंडेक्स फंड में निवेश करना शुरू करें।
- निफ्टी में निवेश करने से पहले निफ्टी इंडेक्स फण्डके रिकॉर्ड, ट्रैक इत्यादि का पर्याप्त विश्लेषण जरुर कर लें. इस प्रकार से आप निफ्टी में निवेश कर सकते हैं।
निफ्टी के फायदे
- निफ्टी हमें भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार NSE के प्रदर्शन के बारे में जानकारी देता है।
- देश की अर्थव्यवस्था की जानकारी भी आसानी से निफ्टी के द्वारा मिल जाती है. अगर निफ्टी में उछाल होता है तो देश की Economy में भी बढती है।
- निफ्टी के द्वारा कंपनी को होने वाले फायदों और नुकसानों के बारे में जानकारी मिलती है।बाजार में होने वाली तेजी और मंदी का पता भी निफ्टी से चल जाता है।
निफ्टी से सम्बंधित सामान्य प्रशन
- शेयर बाजार में निफ्टी क्या है?
निफ्टी भारत के सबसे बड़े शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक या बेंचमार्क इंडेक्स है।
- निफ्टी में कितनी कंपनी है?
निफ्टी में NSE की शीर्ष 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है।
- निफ्टी का फुल फॉर्म क्या है?
निफ्टी का फुल फॉर्म National Stock Exchange Fifty है।
- निफ्टी की स्थापना कब हुई?
NSE के द्वारा सन 1996 में निफ्टी की शुरुवात की गयी.
- निफ्टी का मुख्य काम क्या है?
निफ्टी NSE में सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन के बारे में जानकारी प्रदान करवाता है।
- बैंक निफ्टी क्या है?
बैंक निफ्टी भारत के बैंकिंग सेक्टर के 12 सबसे बड़े बैंकों का इंडेक्स है, जो कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हैं. बैंक निफ्टी के द्वारा भारत के बैंकिंग सेक्टर के परफॉरमेंस का पता चलता है।