Tukant Shabd उदाहरणों सहित विवरण हिंदी में
तुकांत शब्द
Tukant Shabd : नमस्कार दोस्तों हिंदी बाराखड़ी डॉट कॉम पे आपका स्वागत है। हिंदी व्याकरण में और काव्यों और लेखनो की रचना में एक तुकांत शब्द है। जिसके बारेमे आज हम उदाहरणों सहित जानने वाले है
तुकांत शब्द क्या है।
ऐसे दो शब्द जिनके पीछे का अक्षर समान हो ऐसे शब्दों को तुकांत शब्द कहा जाता है जैसे की कर्म -धर्म।
यहां पे कर्म और धर्म दोनों म सब्द सबसे लास्ट में है और वह दोनों शब्दों में समान है इसलिए ये तुकांत शब्द है।
हिंदी शाहित्यो में कविताओं में आपने सबसे ज्यादा तुकांत शब्दों को देखा होगा। तुकांत शब्द ज्यादातर शाहित्यो की सुंदरता बढ़ाने के लिए उपयोग में आते है।
काव्यों और गानों में तुकांत शब्द के उपयोग से काव्य का लय एक सुर में रहता है जिससे काव्य या गाने की सुंदरता बढ़ती है।
तुकांत शब्दों के प्रयोग कहावतों में भी बहुत ज्यादा होता है जैसे की एक कहवता है- लेने के देने पद गए। यहां पे लेने- देने तुकांत शब्द है।
Tukant Shabd के उदहारण
- हिरा- मीरा
- शिरा- खीरा
- राजू-काजू
- चौका- मौका
- दाना- नाना
- राजा- बाजा
- ताजा -माजा
- लेना -देना
- माता – छाता
- रजा -सजा
- आम- नाम
- काम -दाम
- खटिया- मचिया
- तकिया- मकिया
- मीरा – जीरा
- बाजू- लाजु
- झोला- गोला
- भोला- टोला
- गाडी -पाडी
- साड़ी- खाड़ी
- सितार – गिटार
- विचार- विकार
- फूल- भूल
- धूल- शूल
- चंदन – नंदन
- कच्चा – पक्का
- बच्चा- सच्चा
- शादी- दादी
- खादी -लादि
- कौन – मौन
- वानर-जानर
- वाणी-पाणी
- भाषा-निराषा
- दिया-लिया
- वंदन- चन्दन
- माला- काला
- साला- पाला
- ताला- डाला
- बाल- लाल
- खाल- साल
- आया- गाया
- खाया- भाया
- पक्की – चक्की
- मक्की – लक्की
- ककड़ी – मकड़ी
- लकड़ी-पकड़ी
- नौका – मौका
- कचौड़ी- पकौड़ी
- हार – मार
- कार-तार
- थार- लार
- मुरारी – सुरारी
- कुमारी-पुजारी
- कुल – खुल
- पूल- धुल
- नथ- पथ
- चल- पल
- नल-जल
- चुनना – सुनना
- बुनना- गुनना
- थल – बल
- छल- चल
- आम- नाम
- खाना- पाना
- जाल – थाल, माल, साल
- झोली – बोली, गोली
- संग- भंग
- माल -साल
- झटका-अटका
- नानी -बानी
- वैसा -पैसा
- झगड़ी-तगड़ी
- कैसा – जैसा
- रोना-सोना
- पीला -ढीला
- दही-माहि
- सागर -गागर
- मीठी-पीठि
- मटका- लटका
- रानी – पानी
- सेना -वेना
- शोर – मोर
- पगड़ी- रगड़ी
- पाना- खोना
- मिलना – खिलना
- रंग- अंग
- नीला – पीला
- मेरा-तेरा
- जान-मान
दोस्तों ऊपर दिए गए सभी Tukant Shabd के उदाहरण है। अब में आपको ऐसे ही तुकांत शब्दों से बनी हुई कविता बताने जा रहा हु, जिससे आप समज सकते है की कविता रचना के लिए तुकांत शब्द कितने महत्वपूर्ण है।
प्रगतिशील स्वातन्त्र्य प्रेम की लौ जलती है समता के अधिकारों की इच्छा पलती है इस समाज ने डाल दिये हैं जो भी बन्धन छिन्न भिन्न करने देखो ‘नारी’ चलती है घर की देवी, पुण्य-प्रसूता, कुल की रानी, ममतामयी, सहचरी, प्रिया, बात-बेमानी अब दुर्गा, काली का रूप धर रही माया करुणा छोड़ ध्वंस करने की इसने ठानी वैवाहिक बंधन अब बेड़ी सा लगता है है नर का वर्चस्व, भाव ऐसा जगता है इस अन्याय भरी दुनिया के खण्डन से ही इनके मन से क्षोभ-कलुष देखो भगता है जंगल के बाहर मनुष्य का वो आ जाना नर नारी के मिलन-प्रणय का नियम बनाना घर, परिवार, समाज, देश की रचना करके कहतीं नर ने बुना स्वार्थ का ताना-बाना पढ़ी सभ्यता के विकास की गाथा सबने इन्सानी फ़ितरत को अर्स दिया था रब़ ने इन कदमों को रोक सकेगी क्या चिन्गारी जिसे हवा देती हैं नारीवादी बहनें क्या लम्बी यात्रा पर निकला पुरुष अकेला बिन नारी क्या सृजित कर लिया जग का मेला इस निसर्ग के कर्णधार से पूछ लीजिये जिसने देखी प्रथम-प्रणय की वह शुभ बेला प्रकृति मनुज की है ऐसी होती गलती है पर विवेक से संयम से यह भी टलती है है सत्यार्थ मित्र को पीड़ा चरमपंथ से छिन्न-भिन्न करती नारी मन को खलती है ऊपर दी गई कविता सत्यार्थमित्र वेबसाइट से ली गई है। |
दोस्तों ऊपर दी गई कविता में आप बोहत सारे तुकांत शब्दों को ढूंढ सकते है। तो इसी तरह तुकांत शब्दों से कविताओं की रचना होती है और तुकांत शब्दों के माध्यम से उन्हें परफेक्ट लय दिया जाता है।
सारांश
तो दोस्तों तुकांत शब्द क्या है उसको हमने उदाहरणों के साथ समझाया है। आप भी ऐसे बोहत से tukant shabd in hindi ढूंढ सकते है और कविताओं की रचना कर सकते है।
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